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क्यारियों के फूल

क्यारियों के फूल रंग में आ गये हैं
पास में होली सन्देशा पा गये हैं

तन पर गिरेगी धार बरसेगी रंगोली
हर तरफ होली कहे होली है होली
अब न सुने पिचकारियाँ बिनती किसी की
बच न पाए
जितने जद में आ गये हैं

आस पाले है मिलन की दिल में कोई
ख़्वाब बुनती, जागती है खुद में खोई
फिर परस से ज्वाल दहकेंगे, बुझेंगे
नेह नीरद
तन गगन पर छा गये हैं

गीत ग़ज़लों तक में है होली का असर
मनचले से मुक्तकों का टूटा कहर
ब्रज में मिलन की धार रसिया ले बहे
दोहे प्रणय-
बौछार से नहला गये है

- अनिल कुमार मिश्र
१ मार्च २०१८

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