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होली में

दिल दुखे मत किसी की होली में
होश रखना हँसी ठिठोली में

रंग बैठे हुए हैं टोली में
या धनक उतरा है रँगोली में

हर कोई आगे सिर झुका देता
है ये ताकत तिलक की रोली में

रूठकर शीत जा रही पीहर
किसको लाया वसंत डोली में

पाँव धरती पे ज्यों ही रख लेते
फिर गुहर टिक न पाते झोली में

रीत कोयल से ली है शागिर्दी ?
घुल गया है शहद जो बोली में

- परमजीत कौर रीत
१ मार्च २०२२
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