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तब होली है

बगिया में मौसम हर्षाए
दिल ने कहा- तब होली है
घर घर फागुन गीत सुनाए-
दिल ने कहा-
तब होली है

तुमने अपनी मनुहारों से-
जीवन का आँगन रंग डाला
जब गुलाल गालों पर छाए
दिल ने कहा-
तब होली है

पलकों पर सोए सपनों के
रंग हजारों ऐसे छलके
रंगों में भींगा मौसम जब
तन सिहराए-
होली है

मेरी अनुरागी आँखों में
प्यार तुम्हारा जब शरमाए
कम्पित अधरों पर फागुन
जब सुधि बिसराए-
होली है

महुआ टपके टप-टप टप-टप
मधुप करे मधुपान जहाँ
मदमाता जब रूप प्रिया का
मन बहकाए-
होली है

- पद्मा मिश्रा
१ मार्च २०२२
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