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होली है!!

 

क्या से क्या


क्या से क्या क़िस्सा हुआ है देखिए
फूल डाली से खफ़ा है देखिए

आप दीवारों पे अब छिड़को गुलाल
वो तो ग़ैर अब हो चुका है देखिए

है अजब रंगों की मस्ती हर तरफ़
हर कोई बहका हुआ है देखिए

सोचती आँखों ने कल के वास्ते
फिर कोई सपना बुना है देखिए

जिस्म, ख़्वाहिश, ख्वाब सब कुछ जल गया
अब नहीं कुछ भी बचा है देखिए

सतपाल
१ मार्च २०१०

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