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हल्ला गुल्ला

आओ खेलें गेंद और बल्ला
खूब मचायें हल्ला गुल्ला।
चाचा जी के जन्म दिवस पर
खाली कर दें अपना गल्ला।

गोलगप्पे में चाट मसाला,
मटर टमाटर दही औ' भल्ला।
डटकर खायें हलुआ पूड़ी,
हर्ष मनाए सभी मोहल्ला।

एक वर्ष में एक बार ही,
आता है ये दिवस निराला।
बच्चों की खिलती फुलवारी,
हँसता देखो खड़ा मुछल्ला।

बालदिवस शुभ सबको भैय्या,
नाचें बालक ता ता थैय्या।
कोई लाया लड्डू बरफी,
ले आया कोई रसगुल्ला

-भगवतशरण श्रीवास्तव शरण

इब्नबतूता

इब्नबतूता पहन के जूता
निकल पड़े तूफान में
थोड़ी हवा नाक में घुस गई
घुस गई थोड़ी कान में

कभी नाक को, कभी कान को
मलते इब्नबतूता
इसी बीच में निकल पड़ा
उनके पैरों का जूता

उड़ते उड़ते जूता उनका
जा पहुँचा जापान में
इब्नबतूता खड़े रह गये
मोची की दुकान में।

--सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

 

जग का मेला

जग का मेला
बड़ा झमेला
मैं दुनिया में
चला अकेला

जो दुनिया में
चला अकेला
उसके पीछे
लगता मेला

जिसके पीछे
लगता मेला
वह दुनिया में
कहाँ अकेला

— पूर्णिमा वर्मन

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