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         सुखद है माघ महीना

 
तिल गुड के दिन आ गए, और गज़क की चाह
ले पतंग छत पर चढ़ो, माघ लगा है माह
माघ लगा है माह, मज़ा खाने का आए
मूली, पालक संग, पराठे सबको भाए
कहें शरद तैलंग, न देखें पीछे मुड़ के
माघ माह में सुनो, आ गए दिन तिल गुड के

माघ महीना पुण्य का, नदियों में कर स्नान
निर्मल मन से जप करें, और करें कुछ दान
और करें कुछ दान, मिटे पापों की छाया
संत समागम होय, मिली जब मानव काया
कहें शरद तैलंग, सफल हो अपना जीना
ध्यान धरें हरि नाम, सुखद है माघ महीना

- शरद तैलंग
१ दिसंबर २०२५

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