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        कल्पवास में संगम तीरे

 
कल्पवास में संगम तीरे
सजा माघ का मास
डुबकी लगा सूर्य भी आया
लिए पुण्य की आस

तट की रेतीली छाती पर
लाखों पद हैं अंकित
सुरसरि के पावन वारिधि के
अंजलियों में संचित
जाने अनजाने पापों को
धोना अथक प्रयास

कुछ दिन धुँधले धुँधले बीते
कुछ दिन चमकी धूप
कुछ दिन चहका चिल्ला जाड़ा
कुछ दिन तुहिन अनूप
पूर्णचन्द्र की धवल चांदनी
भीगे तन-मन, श्वास

माघी मेला, स्नान पर्व से
जन-जन में उल्लास
भक्त और भगवान बीच का
अटल रहा विश्वास

ऊर्जित तन मन संकट हर्ता
चले निरंतर जाप
शिव शंभू का फैला कण-कण
अद्भुत रूप प्रताप
मौन अमावस दे रही सबको
सदा शांति आभास

- पूर्णिमा जोशी
१ दिसंबर २०२५

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