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यशोदा का नंदन
(क्षणिकाएँ)
     

 





 

 


 




 


१.
ब्रज की माटी
यशोदा का नंदन
जैसे चन्दन
राधा जी संग
रास रचाता
कण कण में बसता
कान्हा का चितवन

२.
बाँसुरी बजा
नंदकिशोर खड़े
राधिका संग
वन उपवन हैं
विमुग्ध बड़े

३.
आज भी रहती है
कदम्ब की
छैयाँ के तले
बाँसुरी की जलतरंग
स्वर्ग सा मधुरिम नंदनवन लगता है
हरी हरी डालों से
शोभित मथुरा वृन्दावन !

-सरस्वती माथुर
२६ अगस्त २०१३

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