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बता नव वर्ष
 
बता नव-वर्ष इतना तो कि तू लाया नया क्या है?
निशा की भेंट चढ़ने फिर दिवस आया नया क्या है?

खुशी है धूप आँगन की , हवेली हो रही ऊँची;
किसी ने एक मंज़िल और बढ़वाया नया क्या है?

कगारों पर खड़े थे हम , कगारों पर खड़े हैं हम;
लहर को देख पागल मन जो ललचाया नया क्या है?

करोगे जानकर भी क्या कि खुश क्यों डाकिया इतना;
बधाई पत्र से घर-द्वार चमकाया नया क्या है?

चलो कुछ बीज फिर बो दें सभी के साथ मिल हम भी;
करेंगे कल पता 'नीरव' कि अँखुआया नया क्या है ?

- ओम नीरव 
१ जनवरी २०१७

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