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नूतन वर्ष सुस्वागतम
 
आज हुई है नई सुबह
नूतन वर्ष सुस्वागतम

करवट ली है
अभी-अभी नये जोश में दंग सभी
अर्थतंत्र ने प्रजातंत्र को दी है पटकी अभी-अभी
आज हुई है नई फतह
नूतन वर्ष सुस्वागतम

नई उमर की है
यह पौध, विकासोन्मुख है यह शोध
सर्वे भवन्तु‍ सुखिन: का, स्वदेशी तकनीकी बोध
नया समय है नई सतह
नूतन वर्ष सुस्वागतम

स्वनच्छ धरा हो
स्वच्छ गगन जगत शिरोमणि बने वतन
इकजुटता से सँभल गये सब तत्पर हैं मय तन-मन-धन
सहस्त्र हाथ हैं इसी वजह
नूतन वर्ष सुस्वागतम

ऊर्जा भर दो
अंशुमान उर्जित नौ-रस नौ-निधान
उत्स मनायें सब ‘आकुल’, युगदृष्टा मम हिंदुस्तान
वर्द्धमान हों इसी तरह
नूतन वर्ष सुस्वागतम

- आकुल      
१ जनवरी २०१७

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