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आया नूतन वर्ष
 
 
कुहरे की चादर घिरी, छाया फिर भी हर्ष।
गर्म दुशाला ओढ़कर, आया नूतन वर्ष॥

धरती पर छायी हुईं, खुशियाँ चारों ओर।
बड़ी सुहानी लग रही, नये वर्ष की भोर॥

अभिनंदन है आपका, आओ नूतन वर्ष।
लाना अपने साथ में, जग का सारा हर्ष॥

घर-घर में सुख-शांति हो, दुनिया में हो प्रेम।
तस्वीरें ऐसी रहें, खिल-खिल जाएँ फ्रेम॥

छाई चारों ओर है, देखो नयी बहार।
नये वर्ष के जश्न में, झूम रहा संसार॥

- सुबोध श्रीवास्तव  
१ जनवरी २०१८

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