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        साल इक्कीस

 

लो कैलेंडर आज बोला साल इक्कीस
खूब जल्दी आ गया क्या साल इक्कीस

क्या कहीं पर पँख इसको भी लगे हैं
उड़ न जाये बीस जैसा साल इक्कीस

खौफ़ में बीता है पिछला साल लेकिन
हर्ष का आगाज़ होगा साल इक्कीस

अब नहीं संशय न कोई खौफ़ होगा
हर्ष और उत्कर्ष लाया साल इक्कीस

जश्न होगा और बहारें भी खिलेंगी
गूँजता मीठा तराना साल इक्कीस

फिर मुलाकातों का होगा सिलसिला भी
कब तलक तन्हा रहेगा साल इक्कीस

अब न तूफानों की मनमानी चलेगी
और न आँधी का बहाना साल इक्कीस

ढूँढते हो चारसू किसको बताओ
देख भी लो पास बैठा साल इक्कीस

हर दिलों में आस का सूरज उगेगा
आसरा उम्मीद देगा साल इक्कीस

- रमा प्रवीर वर्मा
१ जनवरी २०२१

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