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         चलो यह शपथ लें

 
आया है संसार में, नया नया यह साल
उसके स्वागत में सजे, घर-जग पूजा थाल

दमखम नव ऊर्जा लिये, आया है ये साल
मस्ती में हैं झूम के, करते लोग धमाल

अर्चित सूरज रश्मियाँ, ले आयीं नववर्ष
आशा की नूतन सुबह, सपने में उत्कर्ष

इक दूजे को भेजते, बधाइयों के मेल
सुख की पटरी पर चले, जग-जीवन की रेल

नए कलैंडर से सजा, नया साल दीवार
तारीखों में है छिपा, सुख-दुख का संसार

कोरोना का तम घना, मिटे जगत चीत्कार
रोग निवारण का करो, सुखद शुभद उपचार

अच्छे दिन की आस में, पिछले दुख को भूल
होठों पर फैलें तभी, मुस्कानों के फूल

शीत लहर के कहर से, काँप रहा है साल
तापमान बेबस हुआ, जमे पहाड़ी ताल

विकसित अपना राष्ट्र हो, स्वच्छ रहे परिवेश
बने जगत- गुरु, विश्व में, अपना भारत देश

- डॉ मंजु गुप्ता
१ जनवरी २०२२

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