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नव वर्ष अभिनंदन

नया साल मुबारक

         

मेरे दोस्तों मेरे अज़ीज़ों तुमको
ये नया साल मुबारक।
बीते वर्ष को छोड़ो यारों
आया है नया काल मुबारक।
खुशी के इस अवसर पर वाद्ययंत्रों की
मधुर ताल मुबारक।
खिंच कर चले आए परिवार छोड़
परदेस ने बुना वो जाल मुबारक।
उठो भई रिंग करो घर पे लेन-देन हो
खुशियों का अहवाल मुबारक।
रानी बिटिया राजा बेटे के थपथपाओ
प्यार से फ़ोन पर तुम गाल मुबारक।
वीडियों फैशन और हालीवुड चेनल पर
सुंदर बालाओं की चाल मुबारक।
बाइस वर्षों के बाद आस्ट्रेलिया पर विजय खुशी का थाल मुबारक।
बनती है जो प्रतिदिन बिना नागा
कैंटीन की दाल मुबारक।

दिल है छोटा-सा छोटी-सी आशा
पहनी है शेरों जैसी खाल मुबारक।
ग़म की परछाइयाँ भी छूने न पाएँ
रहे सबका ही चंगा हाल मुबारक।
आओ हम सब मिल कर नाचें
नहीं चलेगी बहाने की ढाल मुबारक।
इतराते रहो अपने कालों पर
हमको तो ये सफ़ेद बाल मुबारक।
थोड़ा भी आनंदित किया हो तो
आप सबको राजस्थान का यह लाल मुबारक।

घनश्याम दास अहूजा

  

मंगल कामनाएँ

बच्चों की मुस्कान को
किसान के खलिहान को
औरतों के आसमान को
चिड़ियों की उड़ान को
नव वर्ष की मंगल कामनाएँ

देश के विधान को
संसद के ईमान को
जीवन के संविधान को
मनुष्य के सम्मान को
नव वर्ष की मंगल कामनाएँ

प्रेम के उफान को
हृदय की जुबान को
संस्कृति की आन को
धर्म के इमान को
नववर्ष की मंगल कामनाएँ

कैलेंडर के दिनमान को
इतिहास के वर्तमान को
भविष्य के अनुमान को
भोर के अनुसंधान को
नववर्ष की मंगल कामनाएँ

प्रदीप मिश्र
1जनवरी 2006

 

 

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