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                              नव 
                              वर्ष अभिनंदन  | 
                         
                       
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                          नए साल की 
                          शुभकामनाएँ  | 
                         
                        
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दिलों में हो फागुन, दिशाओं में रुनझुन 
हवाओं में मेहनत की गूँजे नई धुन 
गगन जिसको गाए हवाओं से सुन-सुन 
वही धुन मगन मन, सभी गुनगुनाएँ। 
नव वर्ष की शुभकामनाएँये धरती हरी हो, 
उमंगों भरी हो 
हरिक रुत में आशा की आसावरी हो 
मिलन के सुरों से सजी बाँसुरी हो 
अमन हो चमन में, सुमन मुस्कुराएँ। 
नव वर्ष की शुभकामनाएँ 
न धुन मातमी हो न कोई ग़मी हो 
न मन में उदासी, न धन में कमी हो 
न इच्छा मरे जो कि मन में रमी हो 
साकार हों सब मधुर कल्पनाएँ। 
नव वर्ष की शुभकामनाएँ 
- अशोक चक्रधर  | 
                                     
                                     
                                    
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 नूतन वर्ष मनाएँ 
जनमन दुखित अर्थ पीड़ित है 
जग में आज शांति शापित है 
छिन्न भिन्न संकल्प हो रहे 
भूले सारे गीत अनकहे 
अब क्या अपनी व्यथा सुनाएँ 
कैसे नूतन वर्ष मनाएँ 
 
देख रहा अब मैं परिवर्तन 
नभ में हुआ ये कैसा गर्जन 
ज्योतिर्माया जगमग आँगन 
फिर से नई आस जागी है 
चलो पुनः हम शक्ति लगाएँ 
फिर से नूतन वर्ष मनाएँ  
 
करें प्रतिज्ञा हम न डरेंगे 
मिलकर नवयुग सृजन करेंगे 
शंख बजाकर नए साल का 
चलो शहीदों को मुंबई के 
सब मिल श्रद्धा सुमन चढ़ाएँ 
आओ नूतन वर्ष मनाएँ 
प्रो. देवेन्द्र मिश्र 
२८ दिसंबर २००९ 
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