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                              नव 
                              वर्ष अभिनंदन  | 
                         
                       
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                          नये साल का अभिनन्दन है  | 
                         
                        
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 नये साल का स्वागत करके, नूतन आस जगाने दो। 
कल क्या होगा, कौन जानता, मन की प्यास बुझाने दो। 
क्या खोया, क्या पाया कल तक, अनुभव के संग ज्ञान 
यही। 
इसी ज्ञान से कल हो रौशन, यह विश्वास बढ़ाने दो। 
जो न सोचा, हो जाता है, नहीं हारते वीर कभी। 
सच्ची कोशिश, प्रतिफल अच्छा, बातें ख़ास बताने दो। 
कल आयेगा, बीता कल भी, नहीं किसी पर वश अपना। 
अपने वश में वर्तमान बस, यह आभास कराने दो। 
जितने काँटे मिले सुमन को, बढ़ती है उतनी खुशबू। 
खुद का परिचय संघर्षों से, यह एहसास कराने दो। 
श्यामल सुमन 
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 नया वर्ष शुभ हो 
नया वर्ष हो, नये हर्ष हों 
हो नई खुशी, नवोत्कर्ष हों। 
नया वर्ष शुभ हो। 
नई सुबह हो, नयी शाम हो 
नई मज़िलें, नए मुकाम हो 
नए लक्ष्य हों, नए हौसले 
हो नई दिशा, नए काफिले 
नए चाँद तारे ओ आफ़ताब 
नई दृष्टियाँ, नयी हो किताब 
नये मिज़ाज़ हो, नये ख़्वाब हों 
नई हो नदी... नयी नाव हो 
नये वास्ते नए हैं सफ़र 
नये अर्थ जिनकी तलाश हो  
नई भोर की सौगात हो 
नया वर्ष शुभ हो। 
कमलेश कुमार दीवान 
२८ दिसंबर २००९ 
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