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नव प्रभात नव वर्ष मुबारक
 

 

 

 

   

 





 

 


 




 

नव प्रभात नव वर्ष मुबारक
मंगलमय नव वर्ष मुबारक
जवन की बगिया में झिलमिल
आशा और यह हर्ष मुबारक

नव नूतन परिधानों में फिर
सज धज सँवर जली धरती
आसमाम में करते टिम टिम
तारों का संघर्ष मुबारक

हों साकार सभी के सपने
बन जाएँ सब गैर भी अपने
मुखरित अधरों पर मुसकाता
हर मन का आदर्श मुबारक

वैर भाव सब दूर भगाएँ
आओ फिर नव वर्ष मनाएँ
जगमग प्रेम के दीप जलाएँ
आओ फिर नव वर्ष मनाएँ

जगमग प्रेम के दीप जले
और ज्योति का स्पर्श मुबारक
नव प्रभात नव वर्ष मुबारक
मंगलमय नव वर्ष मुबारक

--राकेश पांडेय
३ जनवरी २०११

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