अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

नए साल में
 

आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में
बस हँसे, मुस्कुराएँ नए साल में

गीत गाते रहें, गुनगुनाते रहें
हैं ये शुभ-कामनाएँ नए साल में

रेत, मिटटी के घर में बहुत रह लिए
घर दिलों में बनायें नए साल में

अब न बातें दिलों की दिलों में रहें
कुछ सुने, कुछ सुनाएँ नए साल में

जान देते हैं जो देश के वास्ते
गीत उनके ही गायें नए साल में

भूल हमको गए हैं जो पिछले बरस
हम उन्हें याद आयें नए साल में

कुमार अनिल
 

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter