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साल पुराना
 


अब तक रखता था हमदर्दी,
फिर भी छोड चला बेदर्दी,
वह निर्मोही एक न माना,
क्या सखि साजन?
'साल पुराना'।


अब तक तो थी उससे यारी
पर अब जाने की तैयारी
नाता तोड कहे अब जाना
क्या सखि साजन?
'साल पुराना'।


बहुत समय उसके संग रह ली
नखरे किये मगर सब सह ली
कह जायेगा वह हर हाल
क्या सखि साजन?
नहिं 'यह साल'।


मैंने उसको अपना माना
पर बनता अब वो अंजाना
छोड चला करके बेहाल
क्या सखि साजन?
नहिं 'यह साल'।


मैंने उस पर जान लुटाई
फिर भी वो निकला हरजाई
निर्मोही कहता अब जाना
क्या सखि साजन?
'साल पुराना'!

- हरिओम श्रीवास्तव
५ जनवरी २०१५

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