१.
बाट जोहती साँझ-सवेरे
उसकी याद मुझे आ घेरे
आने पर हो जाऊँ निहाल
क्या सखि साजन?
नहिं, यह साल।
२.
रह रह कर मुझको तरसाये,
अब उसके बिन रहा न जाए,
सजा रखा, स्वागत में थाल,
क्या वो साजन?
नहिं नव साल।
३.
आज और कल की है बात,
छोड़ जाएगा मेरा साथ,
फिर न कभी वो देगा दर्श,
क्या साजन?
ना बीता वर्ष।
४.
लगता अभी-अभी था आया,
विदा हो चला वो हमसाया,
कैसे छोडूँ उसे सहर्ष?
के साजन? ना! गुजरा वर्ष।
५.
अच्छा उसने साथ निभाया
कभी हँसाया, कभी रुलाया
है वियोग का मुझे मलाल
क्या साजन?
ना गुजरा साल।
६.
देकर खट्टी-मीठी यादें,
जाता कह वो, मुझे भुला दें
हुई विदाई में बेहाल
क्या साजन?
नहिं, बीता साल।
- रविकांत श्रीवास्तव
५ जनवरी २०१५ |