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मंगलमय नव वर्ष
 
आओ मिल स्वागत करें, नए वर्ष का आज
जाति-पाँति को भूलकर, छेड़ें सुख के साज
ऊँच-नीच के दूर हों, मन से कलुष विचार
नए साल में हम करें, नए-नए आगाज

आने वाले साल में, सुनें बहुत उदगार
सबके सब होंगे प्रिये, मन के भ्रमित विचार
होगा जग का तब भला, समझें सब ये बात
सबके जुड़ जाएँ यहाँ, मन से मन के तार

मंगलमय नववर्ष हो, फैले जग में प्रीत
अच्छाई की हो सदा, बुरे भाव पर जीत
रहें कपट से दूर सब, राग-द्वेष को भूल
मिलजुल कर सारे रहें, बैरी हों या मीत

नए साल का देश में, ऐसा हो आगाज
सोने की चिड़िया बने, सारे जग का ताज
नाम मिटे आतंक का, डूबे भ्र्ष्टाचार
छा जाए संसार में, सच की बन आवाज

- भारती जैन
५ जनवरी २०१५

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