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स्वागत करें नव वर्ष का
 
सौहार्द परस्पर प्रीत सघन
सुख दुख साझे संवेदन मन
स्पन्दित हो कोमल सपने
नव वर्ष हृदय से अभिनंदन

मुक्त मन स्वागत करें नव वर्ष का
पर्व है उल्लास प्रमुदित हर्ष का
शांति समता एकता शुचि भाव ले
हो नवल यह वर्ष नव उत्कर्ष का

है पुलकित वसुधा का कण-कण
जीवंत प्रकृति के हैं मृदु क्षण
नव वर्ष लिए है जोश नया
हो स्वच्छ गया मन का दर्पण

- कांति शुक्ला
५ जनवरी २०१५

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