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नव वर्ष अभिनंदन

नए वर्ष की सुबह

         

हर वर्ष नए वर्ष की सुबह
लेता हूँ नए संकल्प
नए वर्ष में बदल लूँगा स्वयं को
हो जाऊँगा और भी विनम्र
झुकने का अभ्यास करूँगा
लोगों से मिलूँगा अत्यधिक प्रेम से
मुझ में जो भरा है विष
पी जाऊँगा उसे चेहरे पर
चिपका लूँगा स्थाई मुस्कान
व्यवहारिक आदमी की तरह।
हर वर्ष नए वर्ष की सुबह
लेता हूँ नए संकल्प
नए वर्ष में छोड़ दूँगा
अनउपयोगी मित्रों का साथ
किसी का भी साथ दूँगा
सिर्फ़ अपने स्वार्थ की पूर्ति तक
लोगों की प्रशंसा करूँगा मुँह पर
निंदा करूँगा पीठ पीछे
ग़लत को ग़लत और
झूठ को झूठ नहीं कहूँगा
चुप ही रहूँगा
समझदार आदमी की तरह।
हर वर्ष नए वर्ष की सुबह
लेता हूँ नए संकल्प
नए वर्ष में सोचूँगा
केवल अपने विषय में
आत्ममुग्ध-सा दूर रहूँगा
सामाजिक सरोकारों से
आँख मूँद कर देखूँगा सिर्फ़
खुशहाली और सुबह की लाली
सफल आदमी की तरह।
हर वर्ष नए वर्ष की सुबह
लेता हूँ नए संकल्प
नए वर्ष में लिखूँगा
नई कविताएँ
समुद्र पहाड़ नदी बादल
धूप पेड़ और प्रेम पर
खो जाऊँगा अंतर्मन में
अच्छे कवि की तरह।
हर वर्ष नए वर्ष की सुबह
लेता हूँ नए संकल्प।

गोविंद माथुर

 

मैं बार– बार आऊँगा

मैं बार– बार आऊँगा
लेकर फूलों का हार
सभी के द्वार।

जितने भी काँटे पथ में
बिखरे हुए पाऊँगा
आने से पहले मैं
जरूर हटाऊँगा।
मैं बार – बार आऊँगा।

बहुत हैं अँधेरे जग में
आँगन में देहरी पर
जहाँ तक हो सकेगा
दीपक जलाऊँगा।
मैं बार– बार आऊँगा।

मुस्कानों की खुशबू को
बिखेर हर चेहरे पर
सूरज -सी चमक सदा
हर बार लाऊँगा
मैं बार– बार आऊँगा।

रामेश्वर दयाल काम्बोज 'हिमांशु'

देखो आया है साल नया

कुछ सुख देकर कुछ दु:ख देकर
जीवन से पिछला साल गया।
मीठी सौग़ातें लेकर के
आया है देखो साल नया।

हों बंध नए संबंध नए
सुर, लय, गति के संग छंद नए
हों शब्द नए शृंगार नया
जीवन साथी का प्यार नया
तन मन में हो उल्लास नया
धन माल नया रूमाल नया।
मीठी सौग़ातें लेकर के
आया है देखो साल नया।।

हो रीत नई और प्रीत नई
जीवन के पथ पर जीत नई
हो गीत नया संगीत नया
महका-महका मन मीत नया
चुंबन की सिहरन नई-नई
थपकी भी नई और गाल नया।
मीठी सौग़ातें लेकर के
आया है देखो साल नया।।

सुनील जोगी

 
 

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