सूर्य देव आ रहे पुत्र के 
						निवास पर  
						ऋतु बदल रही यहाँ  
						मौसमी निखार पर 
						सूर्य धनु राशि छोड़ मकर 
						राशि से मिले  
						हरी भरी फसल देख किसानों के दिल खिले  
						हँस रही है जिंदगी गुनगुनी सी धूप में  
						पछोरती है धान जब माई घनी धूप में  
						दान-पान चल रहा आन, बान, शान पर 
						अंबर को चूमतीं  
						पतंगे गुमान पर  
						 
						तिल-गुड़ गजक लिए मूँगफली साथ में  
						दादी को खिला रही हाथ लिए हाथ में  
						सुना रही कहानियाँ कंपकंपी जुबान से  
						सौ साल दादी जियें मना रही भगवान से  
						खिचड़ी को खा रहे खिचड़ी को दान कर  
						भोग भी लगा रहे  
						चूड़ा-दही सान कर  
						 
						- ललिता पाठक नारायणी 
						१ जनवरी २०२४  |