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            मकर संक्रान्ति पर्व

 
हर्षित जन-जन, आया उत्सव मनभावन 
है पर्व मकर संक्रान्ति आज अति पावन

कर लिया प्रवेश सूर्य ने आज मकर में
भक्तों ने ध्यान लगाया है हरि-हर में 
खिचड़ी, तिल के लड्डू बनते घर-घर में 
अपनी - अपनी भावना और श्रद्धा से 
सब मना रहे त्योहार
धनी और निर्धन 

बच्चे, बूढ़े, जवान, बाबा, महतारी 
आए नहान गंगा-तट पर नर-नारी 
है हर्ष और उल्लास सभी में भारी
हर कष्ट - ताप-संताप मिटाने वाला
गंगा का निर्मल जल
है पाप नसावन

मौसम के अजब निराले ढंग यहाँ हैं 
उड़तीं अंबर में खूब पतंग यहाँ हैं 
ये दृश्य देख, सब कोई दंग यहाँ हैं 
ये पीली, हरी, गुलाबी, लाल पतंगें 
बिखराए रंग किसी ने
नभ के आँगन

- प्रवीण पारीक 'अंशु'
जनवरी २०२४

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