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शुभ पर्व
 
शुभ-पर्व, सर्व-कर्म का विस्तार हो गया।
उत्तर पथी लो अर्क का आचार हो गया।

धनु राशि छोड़ करके, मकर में दिनेश हैं
संक्रान्ति काल पर्व ये त्यौहार हो गया।

पोंगल के रूप में तो कहीं लोहड़ी मनी
उत्साह और उमंग का संचार हो गया।

खुशियाँ मना रहे हैं, सभी नृत्य गान कर
आलाप थाप से समाँ गुंजार हो गया।

मिष्ठान्न व्यञ्जनों का मधुर स्वाद ले रहे
तिल-गुड़ विशेष शीत में आहार हो गया।

उड़ती पतंग आज करे आसमां से बात
माजा लड़ाने पेंच लो तैयार हो गया।

नदियों सरोवरों से भी बावस्तगी बढ़े
मेला हमारा सांस्कृतिक द्वार हो गया।

घर ज्योतिषी पधार कहे हाल साल का
कैसी ग्रहों की चाल का आसार हो गया।

मिलकर मनायें खुशियाँ करें दान-पुण्य हम
'हरि' नाम मुख़्तसर जो लिया पार हो गया।

- हरिवल्लभ शर्मा
१५ जनवरी २०१७

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