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आई है दीपावली

   



 

माँ लक्ष्मी, माँ भगवती, कीजै कृपा गणेश ।
दीवाली पर दूर हों, मन के सभी कलेश ।।

द्वार रंगोली माँडकर, जोऊँ थारी बाट ।
मां लक्ष्मी धन-धान्य से, भरो सकल घर-घाट।।

तारों की बारात ने, गाया मंगल गान।
पहन अमावस सज गयी, दीपों का परिधान।।

थाली में दीपक सजे, धनतेरस के साथ।
पंच-पर्व मिलते गले, हाथों में ले हाथ।।

अलग-अलग हालात की, कैसे हो तफसील ।
इक धरती का दीप है, इक नभ की कंदील।।

इक-दूजे के साथ से, बदल गये हालात ।
दीप-दीप के मिलन ने, रोशन की तम-रात।।

- परमजीत कौर रीत
१ नवंबर २०१८

   

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