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        इस दीये को

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ज़रा सा जागने दो इस दीये को
अँधेरा फाँकने दो इस दीये को

दिवारों में वो रस्ता ढूँढ लेगा
दम अपना नापने दो इस दीये को

तमस तो ठेलता आया युगों से
अमा भी हाँकने दो इस दीये को

रँगीली रोशनी प्रतियोगिता में
कभी मत हारने दो इस दीये को

किसी की प्रार्थना का 'रीत' दामन
सो मन्नत टाँकने दो इस दीये को

- परमजीत कौर 'रीत'

१ नवंबर २०२०
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