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          त्यौहार के हैं दिन


आ गए तीज के
त्यौहार के हैं दिन

चुनाव में हैं, उछल रहे नारों से
बाज आए फूल भी, अब खारों से
एक है तारीख तो
पगार के हैं दिन

घर में प्रकाश, दिया तले अंधेरा
खंडहर में है, अमावस का डेरा
चार लोग मिलेंगे
दरबार के हैं दिन

लड़ियाँ हैं, बम हैं, अनार हैं चलते
उत्कोच में ज्यों, उपहार हैं चलते
प्यार का मौसम है
दीदार के हैं दिन

अविनाश ब्यौहार

१ नवंबर २०२३
   

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