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घर वापस आया सूरज
 
लो आया घर वापस
आवारा सूरज

झुँझलाई धरती के
सुन सुन कर ताने
रुके हुए काज सभी
झटपट सरियाने
उतरा है मिट्टी में
भठियारा सूरज

सोंधे गुड़ सा महका
फीके जीवन में
सतरंगी गुड्डी सा
लहराया मन में
घर घर में गूँजा बन
इकतारा सूरज

नदियों की, पर्वत की
ठिठुराए बन की
मुस्काई जम्हाई
अलसाएपन की
कोहरे से बादल से
कब हारा सूरज

- सीमा अग्रवाल
१२ जनवरी २०१५

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