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         मेघराज क्रुद्ध

 
 
मानव के स्वार्थ से
हुए मेघराज क्रुद्ध
बने दानव बादल
फट-फट कर दिखाएँ दुर्वासा का कोप

मचा रहे तांडव
पहाड़ का जल प्रहार मैदान तक को लीलते
नदियों के मिजाज ने रुख मोड़ा
लायी बाढ़ का कहर
बहे चराचर, पशुधन, नर-नारी-बाल, गाड़ी

भृकुटि ताने बारिश की सेना बरसाए भीषण शोले
भूस्खलन से आवाजाही पर लगी लगाम
रास्ते हुए बंद, टूटे पुल -घर, धराशायी सड़कें, झोंपड़ी
जमींदोज हुए घर, दुकान, बस्ती, गाँव
मलबे में दबे मानव, धनदौलत और लापता लोग
सैलाब का कहर मचा रहा त्राहिमाम
कुदरत के खौफ में समाज

विकास की तानाशाही करे नाश विनाश
हे मानव! प्राकृतिक संतुलन को जान
प्रकृति को बचाना है
इंद्र कोप से बचने को
कन्नी उँगली पर गोवर्धन उठाने वाले कृष्ण
अब नहीं आएँगे
तुझे ही धर्मपथ पर चलकर कृष्ण बनना होगा

- डॉ. मंजु गुप्ता
१ सितंबर २०२५

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