अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर


         मानसून सत्र

 
 
बाढ़ की विभीषिका
पक्ष-विपक्ष का सलाना
सुनहरा उत्सव

संसद में
एक निबंध की भाँति पढ़ा जाएगा
विवरण के थाल में परोसा जाएगा
भयानक घटनाओं
का मंजर

पीड़ित आसुओं की व्यथा बताकर
वसूली जायेगी भारी भरकम रकम
थपथपाए जाएँगे मेजों के कंधे
भरी जाएगी जेबें सफेद पोशाकों में
बिचौलियों के
हाथ दर हाथ
पीड़ित तक पहुंचेगा
सिर्फ आश्वासन

तब तलक
बह जाएगा पानी
पानी का
स्वभाव है बह जाना..!!!

-त्रिलोचना कौर "तनु"
१ सितंबर २०२५

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter