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        सर्दी आई

 

सर्दी आई सर्दी आई
ठंड की पहने वर्दी आई

सबने लादे ढेर से कपड़े
चाहे दुबले चाहे तगड़े

नाक सभी की लाल हो गयी
सुकड़ी सबकी चाल हो गयी

ठिठुर रहे हैं काँप रहे हैं
दौड़ रहे हैं हाँफ रहे हैं

धूप में दौड़ें तो भी सर्दी
छाँओं में बैठें तो भी सर्दी

बिस्तर के अंदर भी सर्दी
बिस्तर के बाहर भी सर्दी

बाहर सर्दी घर में सर्दी
पैर में सर्दी सर में सर्दी

इतनी सर्दी किसने कर दी
अंडे की जम जाए जर्दी

सारे बदन में ठिठुरन भर दी
जाड़ा है मौसम बेदर्दी

- सफदर हाशमी
१ दिसंबर २०२०

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