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गौरीशंकर आचार्य ‘अरुण’

जन्म- ९ जुलाई १९३७ को बीकानेर में हुआ।

शिक्षा- एम.ए. (हिन्दी)

कार्यक्षेत्र- साहित्य, पत्रकारिता और शिक्षा।  राजस्थान पत्रिका के बीकानेर संस्करण में लम्बे समय तक ‘शख्सियत’ नामक स्तम्भ में दिवंगत साहित्यकारों व कला धर्मियों के व्यक्तित्व-कृतित्व को नई पीढी के समक्ष प्रस्तुत किया।

राजस्थान की छन्दबद्ध हिन्दी कविता को पिछली आधी सदी से समृद्ध करते रहने वाले सुपरिचित कवि, गीतकार और गज़लकार श्री गौरीशंकर आचार्य ‘अरुण’ की गद्य और पद्य की कई कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी है, जिनमें कविता संग्रह ‘आद्या’ (१९७१) काफी चर्चित रही है। श्री अरुण की रचनाएँ देश के प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में निरन्तर प्रकाशित होती रही है। आपने अपनी अन्य महत्त्वपूर्ण साहित्यिक सेवाओं के क्रम में

संप्रति- ‘अभिनव बाल निकेतन विद्यालय’ के निदेशक के रूप में पूर्ण सक्रियता से साहित्य, समाज और शिक्षा की सेवार्थ पूर्ण मनोयोग से संलग्न है।

 

अनुभूति में गौरीशंकर आचार्य ‘अरुण’ की रचनाएँ -

अंजुमन में-
अच्छी सी कुछ बात करें
और दिन आए न आए
दरिया तो वही है
धूल काफी जमा है
नहीं कभी भी ऐतबार हुआ
हम समंदर के तले हैं


 

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