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डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक'

जन्म- ४ फरवरी, १९५१, जन्म स्थान नजीबाबाद, उत्तर प्रदेश।

शिक्षा- एम.ए.(हिन्दी-संस्कृत)।

सदस्य - अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग,उत्तराखंड सरकार, सन २००५ से २००८ तक। सन् १९९६ से २००४ तक लगातार उच्चारण पत्रिका का सम्पादन। जनवरी २०११ में "सुख का सूरज" और "नन्हें सुमन" के नाम से दो पुस्तकें प्रकाशित हैं।

छन्दबद्ध रचनाएँ लिखने में रुचि है इसलिए नेटपर प्रतिदिन लिखने की अभ्यास बनाते हुए अब तक मुख्य ब्लॉग-उच्चारण http://uchcharan.blogspot.com/ पर 1000 रचनाएँ प्रकाशित कर चुके हैं!

ईमेल- roopchandrashastri@gmail.com

 

अनुभूति में डॉ. रूपचंद्र शास्त्री 'मयंक'  की रचनाएँ -

कुंडलियों में-
चार कुंडलियाँ- कंप्यूटर और इंटरनेट

संकलन में-
फागुन के रंग- लगता है वसंत आया है
जग का मेला- तितली आई
दीप धरो- दीवाली आ गई है
नया साल- अपनों की रखवाली

होली है- फागुन में
       हुरियारों की टोली

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