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बेला रानी
 

बेला रानी रात को महके
भँवरे झूमें चु
पके चुपके

सतरंगी तितली फूलों पर
फुर्र फुर्र मँडराती है
बागों में कोयल रानी भी
गीत खुशी के गाती है
भीनी भीनी खुशबू घर में
खुशी मनाएँ
बच्चे सबके

रजनीगंधा से मिलने को
सर्पराज जब आते हैं
मम्मी पापा देखो देखो
हम सब फिर छुप जाते है
फूल इकट्ठे कर बेला के
गजरे बुनते
सुंदर सजते

- आशीष जुगनू
१५ जून २०१५

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