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मन हो रहा पलाश  

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मन हो रहा पलाश

पीछे पीछे दौड़ रहा अनुराग
नाम का नाग
जंगल जंगल आग लगी है
भाग सके तो भाग

खाली नहीं लाशघर कोई
कहाँ रखेगा लाश
मुर्दे खड़े सड़क पर रोकें
दिखा दिखा कर दाग

ऐसे में कैसे गायेगा
जीवन वाला राग
चुरा सके तो चुरा सूर्य से
साहस भरी उजास

-पं.गिरिमोहन गुरु
२० जून २०११

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