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पेड़ बहुत न्यारा
 
सब पेड़ों में है शीशम का
पेड़ बहुत न्यारा

सर्दी गर्मी धूप भी सहकर
बढ़ता जाता है
कभी नहीं आँधी तूफानों
से घबराता है
भीषण झंझावातों से भी
जंग नहीं हारा

नीचे शीशम के राही भी
सघन छाँव पाते
तनिक देर रुक कर पक्षी भी
मधुर गान गाते
इसकी लकड़ी से फर्नीचर
बनता है प्यारा

कीट कीटाणु, दीमक इससे
सदा दूर रहते
इसीलिए इसको उपयोगी
सभी लोग कहते
डाल, तना और जड़ भी इसने
हम सब पर वारा

वार कुल्हाड़ी के यह जाने
कितने सह जाता
अलग अलग आकारों में ढल
सबके काम आता
इसकी सुंदरता पर मोहित
रहता जग सारा

सावन में रिमझिम रिमझिम जब
बूँदे पड़ती है
तब शीशम की रौनक भी कुछ
और निखरती है
लहराता मस्ती में जैसे
कोई बंजारा

- रमा प्रवीर वर्मा
१ मई २०१९

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