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होली है!!


होलिके स्वागत तुम्हारा


होलिके
स्वागत तुम्हारा!

हिरण्यकश्यपु
की व्यवस्था आज भी आबाद है
हाथ जोड़े आस में, प्रभु की खड़ा प्रह्लाद है
आजमा लो
बल तुम्हारा !

अब तेरे
स्नान ख़ातिर हर तरफ ही आग है
किंतु तेरी चूनरी में एक छल का दाग है
सोच लो
आगत दुबारा !

आज भी
भाई-भतीजावाद की भरमार है
झूठ-सच में एक चुनना पर तेरा अधिकार है
क्या नहीं
काफी इशारा !

-ओमप्रकाश तिवारी
२५ मार्च २०१३

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