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मशाल महोत्सव वन में

फूले-फूल पलाश
मशाल महोत्सव वन में।

ललछौहाँ आकाश
पेड़ की पगड़ी पीली
अंगों में उन्माद भर गयी
हवा नशीली

इच्छायें रतनार
प्यार की खुशबू मन में।

सात रंग की नाव
नदी का जल अभिमंत्रित
पर्वत को आशीष दे गया
सुबह पुरोहित

मौसम का अभिषेक
एक उत्साह गगन में।

- गणेश गम्भीर
१५ मार्च २०१६

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