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मचा लो धूम

मचालो धूम मिलकर के, चलो इस बार होली में
नहीं बाकी रहे कोई, कसर दिलदार होली में

रँगों के साथ धुल जाये, जमा हर मैल नफरत का
घृणा जल राख हो जाये, बचे बस प्यार होली में

गलतियाँ माफ़ हैं सारी, पकड़ लो आज तो सबको
मिले जो भी लगा दो रंग, मेरे सरकार होली में

पिलाओ और पीओ भंग, करो मस्ती सभी जी भर
मगर ज्यादा बहकना मत, पड़ेगी मार होली में

सजे हर गाल रंगों से, शहर में और गाँवों में
मनालो आज रूठों को, करो मनुहार होली में

बना कर रंग फूलों से, भरो पिचकारियाँ अपनी
खिलाओ और खेलो रंग, सभी से यार होली में

भुला कर सब गिले शिकवे, मनाओ साथ में होली
न कोई जीत होती है, न कोई हार होली में

- बसंत कुमार शर्मा
१ मार्च २०१७

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