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सनम रंग ऐसा

सनम रंग ऐसा मुझे तुम लगा दो
कि रंगों से मेरा तन औ' मन सजा दो

बंसती हवायें ये जिद कर रही हैं
कि तुम अपने सिर से ये आँचल हटा दो

यों होली में मुझको लगा लो गले से
कि शिकवे-गिले आज सारे भुला दो

ज्यों मिल जाते हैं रंग, रंगों में वैसे
दिल अपना मेरे दिल में तुम भी मिला दो

कि होली में मदमस्त होकर मैं झूमूँ
मुझे प्यार की भंग ऐसी पिला दो

- नीरज मिश्रा
१ मार्च २०१७

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