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होली है जी होली है

रंग की फुहार
संग फूलों की बहार
झूमे मन बार बार
देखो होली है, जी होली है

गोरी की उमंग
देख सारे हुए दंग
भीगे गोरे अंग-अंग
सारे झूम मुस्काते हैं

ढोल की हो थाप
किसी रंग की हो छाप
तन मन में हो ताप
ऐसे होली गीत गाते हैं

जैसे जिया तड़पाये
याद पिया की सताये
पिया काहे नहिं आये
देखो होली है जी होली है

लाल पीले से गुलाल
चारों ओर लाल लाल
देख मचा है धमाल
ऋतु शोख सी बुलाती है

रंग का खुमार
झूमे मन बार बार
जैसे भंग हर बार
कभी पीके चढ़ जाती है

अब हूक की वो मारी
हाथ चले पिचकारी
लगे दिल पे कटारी
देखो होली है जी होली है

-कृष्ण भारतीय
१ मार्च २०२०

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