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मेरा भारत
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन

 

मेरे देश तुझको मेरा नमन

लेखनी से मातृभू के कर्ज़ को ऐसे चुकाना
अब नया मतला ग़ज़ल का धूल मिट्टी से उठाना

नभ से आगे तुम को रखती हैं दुआएँ जिसकी हरदम
आसमानी ख्वाब तुम उस माँ के आँचल में सजाना

जिस सियासत ने रुला के कर दिया रीता धरा को
उस धरा की आँख को तुम स्वेद काजल से सजाना

सच इबादत रक्तरंजित पुष्प ही करते हैं लेकिन
अपनी माँ के भाल पर तुम अम्न का चन्दन लगाना

राहतों का कोई मरहम ज़ख़्म भर सकता नही है
ज़ख़्म कोई भी न दे अब ऐसा तुम भारत बनाना

चाँदनी का कोई टीका चाँद से प्यारा नही है
अपनी भारत माँ के माथे चाँद की बिंदिया लगाना

हम अगर इतिहास की हर भूल से पाएँ सबक तो
लौट आएगा हमारे देश का स्वर्णिम ज़माना

- सुवर्णा दीक्षित
१३ अगस्त २०१२


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