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मेरा भारत 
 विश्वजाल पर देश-भक्ति की कविताओं का संकलन 

 

सीमा पर लगती घातों से

सीमा पर लगती घातों से
देश झुलसता हालातों से

लहू वीर का धुल न जाए
समझौते की बरसातों से

आज शहादत ही घायल है
दाँव पेंच के आघातों से

भर हुंकारा शस्त्र उठा ले
सब्र नहीं है अब बातों से

शेरों ने था देश बचाया
लुटा सियारों के हाथो से

- संध्या सिंह
१२ अगस्त २०१३


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