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अवतार कृष्ण हैं
     

 





 

 


 




 


द्वापर युग में श्रीहरि के अवतार कृष्ण हैं।
सृष्टिनियंता जग के पालनहार कृष्ण हैं।

जग को पावन गीता का उपदेश दिया था।
धर्म पक्ष के साथ खड़े हर बार कृष्ण हैं।

शरणागत को अपनाते हैं स्नेह भाव से।
करते भवसागर से सबको पार कृष्ण हैं।

यमुना तीरे धेनु चराते ग्वाल बाल मिल।
दुष्टों का करते जग में संहार कृष्ण हैं।

भालसुशोभित मुकुट मनोहर मोर पंख का।
दुनिया में नवजीवन का संचार कृष्ण हैं।

पूरी निष्ठा से ईश्वर की भाव भक्ति में।
सच्चाई की ताकत के आधार कृष्ण हैं।

सेवा पथ ही अपनायें हम स्वार्थ छोड़ कर।
हर प्राणी के जीवन में साकार कृष्ण हैं।
-
-सुरेन्द्रपाल वैद्य
१८ अगस्त २०१४

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