अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

नव वर्ष के स्वागत में
 
नवगीतों की लिए चेतना नवजीवन शृंगार लिखें
नव वर्ष के स्वागत में हम शब्द सुमन
मनुहार लिखें

अनुबंधों की
इस दुनिया में समय कभी न बँध पाया
जो बीत गया सो बीत गया वो लौट कभी न फिर आया
मधुर मधुर यादों से अपनी रोज नया
त्यौहार लिखें

पिछले सारे
दुःख छूटेंगे पिछले सारे सुख छूटेंगे
नेह बंध से कोई जुड़े तो कोई पल भर में टूटेंगे
किन्तु चलना ही जीवन है कभी न मन
की हार लिखें

नया है सूरज
नई हैं किरणें नई नई हैं आशाएँ
हाथ थामकर इक दूजे का कहीं दूर हम में उड़ जाएँ
वर्तमान के नीलगगन पर आओ चलो
हम प्यार लिखें -

-नितिन जैन
३० दिसंबर २०१३

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter