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								हल्दी भरे हाथ की थापें मार कर 
								जाने क्या लिख गई अमावस 
								लिपी-पुती दीवार पर 
								 
								तोड़ गई मज़दूरिन मकड़ी का 
								झीना छींका 
								आले में रख गई सुनहरी 
								झुमका चमकीला 
								गेंदे की मेहराब सजा कर द्वार पर 
								जाने क्या लिख गई अमावस 
								लिपी-पुती दीवार पर 
								 
								आँगन में 
								कालीन केसरी बिछा गई पगली 
								चौकी पर 
								दो-तीन मूर्तियाँ रख कर भली-भली 
								एकदन्त पर खिल-बताशे वार कर 
								जाने क्या लिख गई अमावस 
								लिपी-पुती दीवार पर 
								 
								--रमेश रंजक 
								
								
                          
  
											
											१२ नवंबर २०१२  |