अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

तुम्हें नमन
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को समर्पित कविताओं का संकलन

 

है किसकी तस्वीर

सोचो और बताओ आख़िर है किसकी तस्वीर
नंगा बदन कमर पर धोती
और हाथ में लाठी
बूढ़ी आँखों पर है ऐनक
कसी हुई कद काठी
लटक रही है बीच कमर पर घड़ी बँधी ज़ंजीर
सोचो और बताओ आख़िर है किसकी तस्वीर

उनको चलता हुआ देखकर
आँधी शरमाती थी
उन्हें देखकर अंग्रेज़ों की
नानी मर जाती थी
उनकी बात हुआ करती थी पत्थर खुदी लकीर
सोचो और बताओ आख़िर है किसकी तस्वीर

वह आश्रम में बैठ
चलाता था पहरों तक तकली
दीनों और ग़रीबों का था
वह शुभचिंतक असली
मन का था वह बादशाह पर पहुँचा हुआ फ़कीर
सोचो और बताओ आख़िर है किसकी तस्वीर

सत्य अहिंसा के पालन में
पूरी उमर बिताई
सत्याग्रह कर-करके जिसने
आज़ादी दिलवाई
सत्य बोलता रहा जनम भर ऐसा था वह वीर
सोचो और बताओ आख़िर है किसकी तस्वीर

जो अपनी ही प्रिय बकरी का
दूध पिया करता था
लाठी डंडे बंदूकों से
जो न कभी डरता था
तीस जनवरी के दिन जिसने अपना तजा शरीर
सोचो और बताओ आख़िर है किसकी तस्वीर

-डॉ. जगदीश व्योम

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter