अंजुमनउपहारकाव्य संगमगीतगौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहे पुराने अंक संकलनअभिव्यक्ति कुण्डलियाहाइकुहास्य व्यंग्यक्षणिकाएँदिशांतर

अनुभूति में ओंकार सिंह विवेक की रचनाएँ—

अंजुमन में-
आँधियों में दिया
प्यार-वफा
सबकी नजर में
शिकायत कुछ नहीं
हर तरफ जंग

 

शिकायत कुछ नहीं

शिकायत कुछ नहीं है जिंदगी से
मिला जितना मुझे हूँ खुश उसी से

जरूरत और मजबूरी जहां में
करा लेती है सब कुछ आदमी से

असर जो कर न पाए जह्र-ओ-दिल पर
नहीं कुछ फायदा उस शायरी से

उसे अफसोस है अपने किए पर
पता चलता है आँखों की नमी से

न छोड़ेगा जो उम्मीदों का दामन
वो होगा आशना इक दिन खुशी से

यकीं है जीत ही लेंगे दिलों को
करेंगे गुफ्तगू जब सादगी से

'विवेक' उनको मुकद्दर से गिला है
हुए नाकाम जो अपनी कमी से

१ जुलाई २०२२

इस रचना पर अपने विचार लिखें    दूसरों के विचार पढ़ें 

अंजुमनउपहारकाव्य चर्चाकाव्य संगमकिशोर कोनागौरव ग्राम गौरवग्रंथदोहेरचनाएँ भेजें
नई हवा पाठकनामा पुराने अंक संकलन हाइकु हास्य व्यंग्य क्षणिकाएँ दिशांतर समस्यापूर्ति

© सर्वाधिकार सुरक्षित
अनुभूति व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को परिवर्धित होती है

hit counter